CBSE Sample Papers for Class 10 Science in Hindi Medium Paper 4 is part of CBSE Sample Papers for Class 10 Science in Hindi Medium . Here we have given CBSE Sample Papers for Class 10 Science in Hindi Medium Paper 4
CBSE Sample Papers for Class 10 Science in Hindi Medium Paper 4
Board | CBSE |
Class | X |
Subject | Science |
Sample Paper Set | Paper 4 |
Category | CBSE Sample Papers |
Students who are going to appear for CBSE Class 10 Examinations are advised to practice the CBSE sample papers given here which is designed as per the latest Syllabus and marking scheme as prescribed by the CBSE is given here. Paper 4 of Solved CBSE Sample Papers for Class 10 Science in Hindi Medium is given below with free PDF download solutions.
समय : 3 घण्टे
पूर्णांक : 80
सामान्य निर्देश :
- इस प्रश्न पत्र के दो भाग, A व B हैं। आप को दोनों भाग करने हैं।
- सभी प्रश्न अनिवार्य हैं।
- भाग A के सभी प्रश्न एक साथ करने हैं तथा भाग B के सभी प्रश्न एक साथ करने हैं।
- भाग A के प्रश्न सं० 1 व 2 एक अंक के हैं। इनका उत्तर एक शब्द अथवा एक वाक्य में लिखना है।
- प्रश्न सं० 3 से 5 तक दो अंक के हैं। इनका उत्तर 30 शब्दों में (प्रत्येक प्रश्न के लिए) लिखिए।
- प्रश्न सं० 6 से 15 तक तीन अंक के हैं। इनमें से प्रत्येक प्रश्न का उत्तर 50 शब्दों में लिखिए।
- प्रश्न सं० 16 से 21 तक पाँच अंक के हैं। इनमें से प्रत्येक प्रश्न का उत्तर 70 शब्दों में लिखिए।
- भाग B के प्रश्न सं० 22 से 27 तक प्रयोगात्मक कौशल पर आधारित हैं। प्रत्येक प्रश्न दो अंक का है।
SECTION A
प्र०1.
एक ऐसे पुष्प का नाम लिखिए जिसमें पुंकेसर व स्त्रीकेसर दोनों भाग पाए जाते हैं।
प्र०2.
पेप्सिन एवं ट्रेप्सिन एंजाइमों के बीच एक अंतर लिखिए। पेप्सिन
प्र०3.
एक तत्व “X” जिसका परमाणु द्रव्यमान 35 है तथा उसके परमाणु में यदि 18 न्यूट्रॉन हों तो उस तत्व “X” की समूह संख्या तथा आवर्त संख्या ज्ञात कीजिए।
प०4.
1.2 m ऊँचाई वाले बिम्ब को एक अवतल दर्पण के सामने रखा है। यदि दर्पण की फोकस दूरी 20 cm है और बिम्ब का प्रतिबिम्ब दर्पण के सामने 60 cm की दूरी पर वास्तविक प्रतिबिम्ब बनता है। ज्ञात कीजिए कि बिम्ब दर्पण के सामने कितनी दूरी पर रखा है? बनने वाले प्रतिबिम्ब की ऊँचाई ज्ञात कीजिए।
प्र०5.
गैर-परम्परागत ऊर्जा स्रोतों के दोहन की क्या आवश्यकता है? कोई दो मुख्य कारण लिखिए।
प्र०6.
उस वैद्युत संयंत्र का नाम लिखिए जो यांत्रिक ऊर्जा को विद्युत ऊर्जा में रूपांतरित करता है। इसका एक नामांकित चित्र बनाएं तथा इसकी कार्यविधि का सिद्धांत भी लिखिए।
अथवा
(i) वैद्युत उपकरणों में भूसंपर्क तार को क्या कार्य है?
(ii) विद्युत प्रवाह में लघुपथन का क्या अर्थ है? इसकी व्याख्या कीजिए।
(iii) निम्नलिखित के लिए कितनी मात्रा का फ्यूज़ विद्युत परिपथ में लगाना चाहिए :
(a) बल्ब तथा पंखों के लिए
(b) 2 kW या उससे अधिक शक्ति वाले उपकरणों के लिए?
प्र०7.
एक ऐसे विद्युत परिपथ का आरेख बनाइए जिसमें एक सेल, एक कुंजी, एक ऐमीटर तथा एक 4Ω के प्रतिरोधक के साथ श्रेणी क्रम में, दो 8Ω के प्रतिरोधक जो परस्पर समांतर क्रम में लगे हैं, उसके साथ जुड़े हैं। समांतर क्रम के साथ वोल्टमीटर भी लगा है। ये तीनों प्रतिरोधक, प्रत्येक अधिकतम ऊर्जा लेकर 16Ω की शक्ति को बिना पिघले हुए सह सकते हैं। प्रत्येक प्रतिरोधक में से अधिकतम कितनी विद्युत धारा प्रवाहित हो सकती है, उसकी गणना कीजिए।
प्र०8.
जल के वैद्युत अपघटन में :
(a) केथोड तथा एनोड पर एकत्रित होने वाली गैसों के नाम लिखिए।
(b) एक इलेक्ट्रॉड पर एकत्र होने वाली गैस का आयतन दूसरी गैसों से दोगुना क्यों है?
(c) यदि जल में तनु H2SO4 अम्ल नहीं डालेंगे तो क्या होगा?
प्र०9.
मेन्डेलीफ की आवर्त सारणी तथा आधुनिक आवर्त सारणी में तत्वों को स्थान देने के तरीकों में अंतर स्पष्ट कीजिए।
प्र०10.
ऑक्सीजन की अनुपस्थिति में ग्लूकोज़ किस प्रकार विघटित होता है, उन विधियों के बारे में लिखिए।
अथवा
धमनियों तथा शिराओं के बीच कोई तीन अंतर लिखिए।
प्र०11.
मेंडल के प्रयोगों से किस प्रकार सिद्ध होता है कि लक्षण प्रभावी अथवा अप्रभावी होते हैं?
प्र०12.
रोहित ने एक उत्तल लेंस का उपयोग करते हुए एक मोमबत्ती की ज्वाला को एक सफेद पर्दे पर फोकसित किया। उसने निम्नलिखित पठनों को अंकित किया :
मोमबत्ती की स्थिति = 26.0 cm
उत्तल लेंस की स्थिति = 50.0 cm
पर्दे की स्थिति = 74.0 cm
अब निम्नलिखित को उत्तर दीजिए :
(i) उत्तल लेंस की फोकस दूरी ज्ञात कीजिए।
(ii) यदि रोहित अब मोमबत्ती को 38 cm पर रखता है तो उसका प्रतिबिम्ब कहाँ पर बनेगा?
(iii) ऊपर की (ii) स्थिति के लिए प्रतिबिम्ब के बनने के लिए किरण आरेख बनाइए।
प्र०13.
“pH का हमारे जीवन में काफी महत्त्व है”, इसका वर्णन तीन उदाहरण देते हुए कीजिए।
अथवा
जिप्सम से एक यौगिक को बनाया जाता है। यह यौगिक पानी की उचित मात्रा को साथ मिलाने पर कठोर हो जाता है। इस यौगिक को पहचानिए एवं इसका रासायनिक सूत्र लिखिए। इसे बनाने के लिए समीकरण लिखिए। इस यौगिक का एक उपयोग भी लिखिए।
प्र०14.
जैव विकास के अध्ययन के लिए जीवाश्मों का ज्ञान क्यों महत्त्वपूर्ण है? उन दो विधियों का वर्णन कीजिए जिनसे जीवाश्मों की आयु का अनुमान लगाया जा सकता है।
प्र०15.
AIDS के विषय में लोगों को जानकारी देने के लिए हमारी सरकार समय-समय पर पोस्टरों द्वारा, रेडियो कार्यक्रमों द्वारा तथा अन्य प्रकार के विज्ञापनों द्वारा इससे बचने के उपाय तथा उपचार के विषय में बताती रहती है।
(a) AIDS किस प्रकार का रोग है? इस रोग के कारक का नाम लिखिए।
(b) हमारी सरकार ऊपरलिखित कार्यक्रमों द्वारा AIDS के विषय में लोगों में किस प्रकार की जागरूकता विकसित करना चाहती है?
प्र०16.
एक लंबे सीधे चालक तार में विद्युत धारा प्रवाहित होने पर उसके चारों तरफ किस प्रकार का चुंबकीय क्षेत्र उत्पादित होता है, विद्युत परिपथ के नामांकित चित्र द्वारा एक क्रियाकलाप द्वारा इसका वर्णन करें।
(i) उस नियम का नाम लिखिए जो इस प्रकार के विद्युत धारा प्रवाहित चालक में उत्पादित चुंबकीय क्षेत्र की दिशा को बताता है।
(ii) क्या इसी प्रकार का चुंबकीय क्षेत्र तब भी विकसित होगा जबे
(a) एल्फा कणों का एक पतला पुंज गतिशील है तथा
(b) न्यूट्रॉन कणों का एक पतला पुंज गतिशील है?
प्र०17.
यदि आपको गेंद व तीलियों के 6 कार्बन व 14 हाइड्रोजन परमाणुओं वाला मॉडल दिया गया है। साथ में अतिरिक्त तीलियाँ भी दी गई हैं। इनसे आप C6H14 वाले कितने प्रकार के अणुओं को बना सकते है?
अथवा
C3H6O अणुसूत्र वाले दो समावयव यौगिकों के संरचना सूत्र लिखिए। इन दोनों यौगिकों के इलेक्ट्रॉन बिन्दु संरचना सूत्र भी लिखिए।
प्र०18.
(a) (i) मनुष्य के मस्तिष्क का एक साफ़ चित्र बनाइए।
(ii) इस चित्र में मेडुला व अनुमस्तिष्क को नामांकित कीजिए।
(iii) ऊपरलिखित भागों के कार्य भी लिखिए।।
(b) वृद्धि हार्मोन के अधिक उत्पादन तथा कम उत्पादन के कारण हमारे शरीर में किस प्रकार के रोग हो जाते हैं? उनका वर्णन कीजिए।
प्र०19.
नूपुर को अपनी आंख की दृष्टि को ठीक करने के लिए -4.5 D शक्ति के लेंस लगाने की आवश्यकता पड़ती है।
(a) नुपुर को किस प्रकार का दृष्टिदोष है? ।
(b) इस दोष को ठीक करने वाले लेंस की प्रकृति व फोकस दूरी क्या है?
(c) (i) दोष दिखाने के लिए व
(ii) उसके संशोधन के लिए किरण आरेख बनाइए।
(d) इस दृष्टि दोष के दो कारण लिखिए।
प्र०20.
(a) धातुओं की सक्रियता श्रेणी से आप क्या समझते हैं? इस श्रेणी की सहायता से हम विभिन्न धातुओं का परस्पर अधिक या कम् क्रियाशील होने का पता किस प्रकार लगा सकते हैं?
(b) धातुओं की सक्रियता श्रेणी में मध्य भाग में पाई जाने वाली धातुओं को उनके ऑक्साइड अयस्कों से किस प्रकार प्राप्त किया जा सकता है? इसी प्रकार इस श्रेणी में ऊपरी सिरे पर पाई जाने वाली धातुओं को उनके ऑक्साइडों से किस प्रकार प्राप्त कर सकते हैं? प्रत्येक के लिए एक उदाहरण दीजिए।
प्र०21.
(a) “हमारी जीवनशैली की उन्नति के कारण बहुत मात्रा में कचरे का उत्पादन हो रहा है।” इस कथन के पक्ष में दो उदाहरण दीजिए। एक ऐसे परिवर्तन के विषय में लिखिए जो हम अपनी जीवनशैली में अपनायें जिससे अनिम्नीकरण वाले कचरे की मात्रा कम हो सके।
(b) निम्नलिखित जीव एक खाद्य श्रृंखला बनाते हैं :
कीड़ा, बाज, घास, सांप, मेंढक
इनमें से किस जीव में सबसे अधिक मात्रा में अनिम्नीकरणीय रसायन पाए जाएंगे। इस प्रकृम का नाम लिखिए।
अथवा
(a) ‘जले संभर प्रबंधन’ से आप क्या समझते हैं? इसके कोई दो लाभ लिखिए।
(b) “मनुष्य किसी खाद्य श्रृंखला में सबसे अधिक पोषी स्तर पर है।’ इसका हमारे शरीर पर क्या प्रभाव पड़ेगा?
SECTION B
प्र०22.
आप निम्नलिखित परखनलियों में बारी-बारी से एसिटिक अम्ल की कुछ बूंदें डालने पर क्या प्रेक्षण करेंगे?
(a) फिनॉलफ्थेलीन
(b) सार्वत्रिक सूचक
(c) आसुत जल
(d) सोडियम हाइड्रोजन कार्बोनेट
प्र०23.
साबुन के घोल से कितनी मात्रा में झाग बनती है, इसके लिए रिया ने दो प्रयोग किए। ये प्रयोग हैं :
प्रयोग I: रिया ने एक परखनली “A” में 10 मिली आसुत जल लिया तथा उसमें 5-6 बूंदें तरल साबुन की डाल कर, उसे अच्छी प्रकार से हिलाया।
प्रयोग II: उसने एक परखनली “A” में 10 मिली आसुत जल लेकर उसमें 5-6 बूंदें तरल साबुन की डालीं तथा उसमें आधा चम्मच CaSO4 डाला तथा परखनली को अच्छी तरह से हिलाया।
अब इन दोनों परखनलियों में आप क्या प्रेक्षण करेंगे, लिखिए।
प्र०24.
एक विद्यार्थी ने यीस्ट में अलैंगिक प्रजनन को दिखाते हुए एक स्थाई स्लाइड को सूक्ष्मदर्शी में देखा। उसने स्लाइड में जो प्रेक्षण देखे, उसे चित्रों द्वारा दिखाएं तथा इस प्रजनन विधि का नाम भी लिखिए।
प्र०25.
श्वसन क्रिया में CO2 गैस उत्पादित होती है, इसके लिए एक विद्यार्थी ने एक प्रयोग किया। इस प्रयोग को करते हुए कौन-कौन सी सावधानियाँ अपनानी चाहिए। कोई दो सावधानियाँ लिखिए।
प्र०26.
एक प्रतिरोधक में प्रवाहित विद्युत धारा I तथा उसके लिए विभावंतर V के मानों को नीचे एक सारणी में दर्शाया गया है।
इस आधार पर V तथा I के बीच एक ग्राफ बनाइए तथा उससे प्रतिरोधक का प्रतिरोध ज्ञात कीजिए।
अथवा
ओम के नियम को सत्यापित करने वाले प्रयोग में एक विद्यार्थी ऐमीटर की सुई को 17 के निशान पर पाता है। यदि ऐमीटर में 10 भागों के बीच 0 से 0.5 A का मान हो तो 17 भागों के बराबर विद्युत धारा की मात्रा क्या होगी?
प्र०27.
एक प्रिज्म में से एक प्रकाश की किरण को जाते हुए दिखाने के लिए एक किरण आरेख बनाइए तथा उसमें आपतन कोण व विचलन कोण को नामांकित कीजिए।
Answers
उत्तर 1-
ऐसे पुष्प उभयलिंगी पुष्प कहलाते हैं।
उदाहरण : सरसों के पुष्प, गुड़हल (Hibiscus) के पुष्प आदि।
उत्तर 2-
उत्तर 3-
तत्व X की परमाणु संख्या = (35 – 18) = 17
∴ इसका इलेक्ट्रॉनिक विन्यास = 2, 8, 7
∴ इस तत्व की समूह संख्या 17 है क्योंकि इसके सबसे बाहरी कक्ष में 7 इलेक्ट्रॉन हैं। इसकी आवर्त संख्या 3 है, क्योंकि इसके तीन कक्ष हैं।
उत्तर 4-
h1 = 1.2 m; f = -20 cm (अवतल दर्पण); v = -60 cm;
u = ? h2 = ?
प्रतिबिम्ब की ऊँचाई -2.4 m है, ऋणात्मक चिन्ह दर्शाता है कि प्रतिबिम्ब वास्तविक व उलटा बना है।।
उत्तर 5-
गैर-परम्परागत ऊर्जा स्रोतों के दोहन के मुख्य कारणः
(i) मनुष्य की जनसंख्या वृद्धि के कारण तथा आधुनिक जीवन शैली के कारण, ऊर्जा की मांग काफी बढ़ती जा रही है।
(ii) जीवाश्म ईंधनों की मात्रा काफी तेज़ी से पृथ्वी पर घटती जा रही है।
उत्तर 6-
जो संयंत्र यांत्रिक ऊर्जा को विद्युत ऊर्जा में रूपांतरित करता है वह विद्युत जनित्र (Electric Generator) कहलाता है।
विद्युत जनित्र की कार्यविधि का सिद्धांत-विद्युत जनित्र का कार्य विद्युत चुम्बक प्रेरण पर आधारित है तथा इसे फ्लेमिंग के दक्षिण-हस्त (दाँया हाथ) नियम के आधार पर समझा जा सकता है। जब एक विद्युतरोधी तार को एक चुंबक के चुंबकीय क्षेत्र में घुमाया जाता है तो चुंबकीय क्षेत्र परिवर्तित हो जाता है। इस कारण विद्युतरोधी तार में विद्युत प्रवाह प्रेरित होता है।
अथवा
(i) वैद्युत उपकरणों में भूसंपर्क तार का कार्य- भूसंपर्क तार एक सुरक्षा व्यवस्था है जिसे विद्युत परिपथ में प्रयोग किया जाता है। जब उपकरण में किसी त्रुटि के कारण विद्युत धारा का रिसाव होने लगता है। तो यह तार काफी अधिक मात्रा की विद्युत धारा को भूमि में ले जाती है तथा ऐसे उपकरण को छूने पर हम विद्युत आघात से बच जाते हैं।
(ii) विद्युत प्रवाह में लघुपथन का अर्थ-विद्युत प्रवाह के समय यदि विद्युन्मय तार, उदासीन तार को परिपथ के बीच में ही संपर्क कर ले तो उसे लघुपथन कहते हैं। इससे परिपथ में काफी अधिक मात्रा में विद्युत प्रवाहित होने लगती है जिसके कारण आग भी लग सकती है।
(iii) (a) 5A का।।
(b) 15A को।।
उत्तर 7-
हमें ज्ञात है, P = I²R;
P = 16 वाट
उत्तर 8-
(a) कैथोड पर हाइड्रोजन H2 व एनोड पर ऑक्सीजन O2 गैस एकत्र होगी।
(b) कैथोड पर हाइड्रोजन गैस का आयतन एनोड पर ऑक्सीजन गैस के आयतन से दोगुना होगा क्योंकि जल (H2O) के अणु में इनका आयतन अनुपात 2:1 होता है। जल में ऑक्सीजन तत्वों के एक भाग की तुलना में हाइड्रोजन तत्वों के दो भाग होते हैं।
(c) यदि जल में तनु H2SO4 अम्ल की थोड़ी-सी मात्रा नहीं डालेंगे तो जल में से विद्युत धारा प्रवाहित नहीं होगी क्योंकि शुद्ध जल विद्युत धारा का कुचालक है। H2SO4 अम्ल की बूंदें डालने पर, हम इसे विद्युत धारा का अच्छा सुचालक बना सकते हैं।
उत्तर 9-
उत्तर 10-
ऑक्सीजन की अनुपस्थिति में ग्लूकोज़ दो प्रकार से विघटित होता है :
(i) जीवाणुओं तथा यीस्ट फंफूद कोशिका में, ऑक्सीजन की अनुपस्थिति में, ग्लूकोज़ CO2 गैस तथा एथिल अल्कोहॉल (C2H5OH) में विघटित होता है। इस क्रिया में बहुत कम मात्रा में ऊर्जा प्राप्त होती है। क्योंकि यह प्रक्रम वायु ऑक्सीजन की अनुपस्थिति में होता है, इसे अवायवीय श्वसन कहते है।
(ii) हमारी मांसपेशियों में भी ग्लूकोज वायु की अनुपस्थिति में कभी-कभी विघटित होकर लैक्टिक अम्ल के दो अणु बनाता है। इस प्रक्रिया में भी कम मात्रा में ऊर्जा प्राप्त होती है।
अथवा
धमनियों तथा शिराओं के बीच अंतर :
उत्तर 11-
लक्षण प्रभावी अथवा अप्रभावी होते हैं-जब मेंडल ने एक संतति (F1 पीढ़ी) पाने हेतु अलग-अलग लक्षण की प्रवृत्ति वाले एक जैसे पौधों, एक लंबे मटर के पौधे (TT) तथा एक बौने मटर के पौधे (tt), का आपस में संकरण करवाया तो उसने पाया कि सभी F1 पौधे लम्बे थे। इस पीढी का प्रभावी गुण लंबाई था। परंतु जब F1 पीढ़ी के पौधों का स्वनिषेचन कराया तो इसे पीढ़ी में दोनों लक्षण अलग अलग हो गए। F2 पीढ़ी के सभी पौधे लंबे नहीं थे। F2 पीढ़ी के एक-चौथाई पौधे बौने थे। F1 और F2 दोनों पीढ़ियों में लंबाई अभिलक्षण पाया गया अर्थात् यह प्रभावी लक्षण था। वहीं बौनेपन का लक्षण F1 पीढ़ी में दिखाई नहीं देता परंतु यह लक्षण फिर से F2 पीढ़ी में दिखाई दिया अर्थात् यह अप्रभावी लक्षण था।।
उत्तर 12-
(i) लेंस की स्थिति = 50.0 cm;
मोमबत्ती की स्थिति = 26.0 cm
u = (50 – 26) = 24 cm;
u = -24 cm (चिन्ह परिपाटी अनुसार)
पर्दे की स्थिति = 74.0 cm;
v = 74 – 50 = 24 cm
उत्तर 13-
हमारे जीवन में pH के महत्त्व के लिए तीन उदाहरण :
(i) हमारे पाचन तंत्र का pH : हमारे अमाशय में भोजन अम्लीय माध्यम pH मान 4 से 6 के बीच में पचता है। pH मान इससे कम हो जाए तो अम्लता का रोग हो सकता है।
(ii) जलीय जीव अपने जैविक कार्यों को ठीक प्रकार से तब कर पाते हैं जब जल स्रोतों का pH मान उदासीन (pH मान 6.5 से 7.5 के बीच) होता है। अम्लीय वर्षा के कारण जब जल स्रोतों का pH मान घट जाता है तो जलीय जीवन बुरी तरह से प्रभावित होता है।
(iii) pH परिवर्तन के कारण दंत-क्षय : हमारे दांतों में छेद भी pH के मुख गुहिका में मान के कम होने के कारण होते हैं। दांतों के बीच फंसे हुए रात के भोजन के अवशेषों के साथ मुख में जीवाणु अभिक्रिया करते हैं तथा उसे अम्ल में बदल देते हैं। यह अम्ल दांतों के ऊपरी कठोर चमकीले भाग से क्रिया कर उसे हटाने लगता है। जिसके कारण दांतों में छेद होने लगते हैं। इसके कुप्रभावों से बचने के लिए हमें रात को दांत साफ करके सोना चाहिए। टूथपेस्ट क्षारीय होने के कारण अम्ल के प्रभाव को समाप्त कर देता है।
अथवा
यह यौगिक प्लास्टर ऑफ पेरिस (POP) है।
इसका रासायनिक सूत्र : CaSO4. ½H2O
POP बनाने के लिए समीकरण :
इस यौगिक का एक उपयोग-इस यौगिक का उपयोग घर की दीवारों तथा आंतरिक छतों को सजाने के लिए किया जाता है।
उत्तर 14-
जीवाश्मों के अध्ययन से हमें पता चलता है कि किस प्रकार सरल जीवों से जटिल जीवों का विकास हुआ है। जीवाश्म दो प्रकार के जीवों के समूह के बीच संबंध के लिए जोड़ (link) का कार्य भी करते हैं, अर्थात् बताते हैं कि किस प्रकार एक प्रकार के समूह से दूसरी प्रकार के समूह के जीवों का विकास हुआ है।
दो विधियाँ जिनसे जीवाश्मों की आयु का अनुमान लगाया जा सकता है :
(i) जीवाश्मों की आयु का अनुमान हम समस्थानिकों C-14 की प्रतिशत मात्रा की तुलना द्वारा जीवाश्मों में | उपस्थित इसकी प्रतिशत मात्रा व आजकल के जीवों में इसकी प्रतिशत मात्रा के आधार पर लगा सकते हैं।
(ii) जीवाश्म चट्टानों में कितनी गहराई से प्राप्त हुए हैं, उसे आधार पर भी उनकी आयु का अनुमान लगा सकते हैं। जैसे कि ऊपरी चट्टानों पर पाये जाने वाले जीवाश्मों की आयु गहरी चट्टानों पर पाए जाने वाले जीवाश्मों से कम है।
उत्तर 15-
(a) AIDS एक प्रकार का विषाणुजनित रोग है। इसका कारक HIV विषाणु है। यह लैंगिक संचारित रोग है।
(b) हमारी सरकार ऊपर प्रश्न में लिखे गए कार्यक्रमों द्वारा, AIDS जैसी घातक बीमारी के प्रति जागरूक करना चाहती है। यह रोग यौन क्रियाओं द्वारा अधिक तेज़ी से फैलता है। इस रोग से किस प्रकार बचा जा सकता है, इसके विषय में सरकार समय-समय पर समाचार पत्रों, रेडियो तथा टी०वी० के माध्यम से लोगों को जानकारी देने का प्रयास करती रहती है।
उत्तर 16-
क्रियाकलाप-एक 12 V की बैटरी, एक परिवती प्रतिरोध (धारा नियंत्रक), 0-5 A परिसर को ऐमीटर, एक प्लग कुजी तथा एक लंबा मोटा सीधा ताँबे का तार लीजिए। एक आयताकार कार्डबोर्ड का टुकड़ा लेकर उसके बीचोंबीच कार्डबोर्ड के तल के अभिलंबवत इस मोटे तार को प्रविष्ट कराइए। यह सावधानी रखिए कि कार्डबोर्ड तार में स्थिर रहे, ऊपर-नीचे हिले-डुले नहीं। चित्र में दिखाए अनुसार ताँबे के तार को उर्ध्वाधरत: बिंदुओं A तथा B के बीच श्रेणीक्रम में बैटरी, ऐमीटर, धारा नियंत्रक तथा प्लग कुंजी से संयोजित कीजिए। तार के चारों ओर कार्डबोर्ड पर कुछ लौह-चूर्ण एकसमान रूप से छितराइए। धारा-नियंत्रक के परिवर्तक को किसी एक नियत स्थिति पर रखिए तथा ऐमीटर में विद्युत धारा का पाठ्यांक नोट कीजिए। कुंजी लगाकर परिपथ बंद कीजिए ताकि ताँबे के तार से विद्युत धारा प्रवाहित हो। यह सुनिश्चित कीजिए कि बिंदुओं A और B के बीच में लगा ताँबे का तार ऊध्र्वाधरतः सीधा रहे। कार्डबोर्ड को हलके से कुछ बार थपथपाइए। लौह-चूर्ण के पैटर्न का प्रेक्षण कीजिए। आप देखेंगे कि लोह-चूर्ण संरेखित होकर तार के चारों ओर संकेंद्री वृत्तों के रूप में व्यवस्थित होकर एक वृत्ताकार पैटर्न बनाता है।
(i) यह नियम दक्षिण-हस्त अंगुष्ठ नियम है।
(ii) • हाँ, इसमें चुंबकीय क्षेत्र उत्पादित होगा क्योंकि एल्फा कणों पर धन आवेश होता है तथा ये गतिशील कण एक प्रकार से विद्युत धारा का प्रवाह कर रहे हैं।
• न्यूट्रॉन कणों के गतिशील पुंज के कारण कोई चुंबकीय क्षेत्र उत्पन्न नहीं होगा क्योंकि इन कणों पर कोई आवेश नहीं होता है।
उत्तर 17-
इनसे हम 5 प्रकार के C6H14 वाले अणु बना सकते हैं क्योंकि C6H14 (हेक्सेन) के 5 समावयव होते हैं।
ये अणु हैं :
अथवा
C3H6O अणुसूत्र वाले दो समावयव
(i) C2H5CHO, प्रोपेनैल और
(ii) CH3COCH3 प्रोपेनोन हैं।
उत्तर 18-
(a) (i) & (ii):
(iii) मेडुला के कार्य-यह पश्चमस्तिष्क का एक भाग है। मेडुला रक्तदाब, लार आना तथा वमन आदि क्रियाओं को नियंत्रित करता है।
अनुमस्तिष्क के कार्य-अनुमस्तिष्क भी पश्चमस्तिष्क का एक भाग है। अनुमस्तिष्क एच्छिक क्रियाओं को नियंत्रित करता है। यह भाग शरीर की संस्थिति तथा संतुलन के लिए भी उत्तरदायी
(b) वृद्धि हार्मोन शरीर की वृद्धि तथा विकास को नियत्रित करता है। वृद्धि हार्मोन के अधिक उत्पादन के कारण, व्यक्ति काफी लम्बा व दानव रूपी हो जाता है। तथा इस हार्मोन के कम उत्पादन के कारण व्यक्ति बौना रह जाता है।
उत्तर 19-
(a) नुपुर निकटदृष्टि दोष से पीड़ित है।।
(b) P = -4.5D; f= ?; f =
f = = = -0.22 मी०
दोष को ठीक करने वाले लेंस की फोकस दूरी -0.22 m है। (-) चिन्ह दर्शाता है कि यह अवतल लेंस है।
(c) (i) दोष दिखाने के लिए व (ii) उसे ठीक करने के लिए किरण आरेख :
(d) निकटदृष्टि दोष के कारण :
(i) नेत्रगोलकों की लम्बाई बढ़ने के कारण।
(ii) अभिनेत्र लेंस की वक्रता अत्यधिक होने के कारण।
उत्तर 20-
(a) सक्रियता श्रेणी-धातुओं को उनकी घटती हुई क्रियाशीलता के अनुसार एक खड़ी पंक्ति में क्रमबद्ध करने की प्रक्रिया को धातुओं की सक्रियता श्रेणी कहा जाता है।
सक्रियता श्रेणी में जो धातु ऊपर हैं, वह अधिक क्रियाशील हैं, बीच वाली धातु मध्यम क्रियाशील हैं नीचे वाली धातु कम क्रियाशील हैं। कोई भी धातु, अपने से नीचे वाली धातुओं को उनके लवणों के विलयनों से विस्थापित कर सकती है। जो धातु इस श्रेणी में हाइड्रोजन से ऊपर हैं, वे हाइड्रोजन को तनु अम्लों में से तथा जल में से विस्थापित कर सकती हैं।
(b) मध्यम क्रम की धातुओं को उनके ऑक्साइड यौगिकों से दो विधियों द्वारा प्राप्त किया जा सकता हैं :
उत्तर 21-
(a) आधुनिक जीवन में अधिक कचरा उत्पादन होने के दो उदाहरण :
(i) वर्तमान में बहुत अधिक मात्रा में अपघटित पदार्थों, जैसे पॉलीथीन, प्लास्टिक तथा पेपर प्लेट्स, का उपयोग बढ़ गया है।
(ii) कांच की बोतलों तथा टिन के डिब्बों आदि का उपयोग भी बहुत बढ़ गया है।
कचरा, कम करने के सुझाव-हम अनिम्नीकरणीय कचरे का निपटान कम उपयोग, पुन: उपयोग तथा पुनः चक्रण जैसी तकनीकों का प्रयोग करके कर सकते हैं। हमें प्लास्टिक व कांच के डिब्बों को घरों में पुनः प्रयोग करने के लिए प्रोत्साहित करना चाहिए ताकि हम इस प्रकार के कचरे की मात्रा में कमी ला सकें। पैकिंग किए जाने वाले पदार्थ पुनः प्रयोग किए जाने वाले पदार्थों से बनाए जाने चाहिएं-जैसे कपड़ा तथा कागज़।
(b) इस खाद्य श्रृंखला का सही क्रम है :
घास → कीड़ा → मेंढक → सांप → बाज
इनमें से बाज में सबसे अधिक मात्रा में अनिम्नीकरणीय रसायन पाए जाएंगे। इस प्रक्रम को जैव आवर्धन कहते हैं।
अथवा
(a) जल संभर प्रबंधन-मिट्टी, भूमि तथा जल स्रोतों को संरक्षण जब वैज्ञानिक पद्धतियाँ अपना करे किया जाए तो इसे जल संभर प्रबंधन कहते हैं।
जल संभर प्रबंधन के दो लाभ :
(i) इससे हम अकाल तथा बाढ़ की समस्या को काफी हद तक नियंत्रित कर सकते हैं।
(ii) इस प्रबंधन द्वारा स्थानीय समुदाय के लोगों द्वारा बनाए गए उत्पादों का उत्पादन बढ़ेगा जिससे उनकी आय में भी वृद्धि होगी।
(b) मनुष्यों का अपनी खाद्य श्रृंखलाओं में सबसे ऊपर के पोषी स्तर पर पाये जाने के कारण, मानव शरीर में हानिकारक रसायनों की मात्रा जैव-आवर्धन के कारण लगातार बढ़ती जाएगी। जिससे मानव शरीर में कई प्रकार के घातक रोग हो सकते हैं।
सबसे ऊपरी पोषी स्तर पर होने के कारण, मनुष्य को भोजन की ऊर्जा भी काफी कम मात्रा में उपलब्ध हो पाती है (10% ऊर्जा प्रवाह नियमानुसार)।
उत्तर 22-
(a) ऐसिटिक अम्ल फिनॉफ्थेलीन विलयन में रंगहीन का रंगहीन ही रहेगा।
(b) सार्वत्रिक सूचक में इसका रंग संतरी हो जाएगा।
(c) आसुत जल में अम्ल विलय हो जाएगा तथा एक पारदर्शी शुद्ध विलयन बनाएगा।
(d) इसमें से एक रंगहीन गैस CO2 उत्पादित होगी, जो कि चूने के पानी को दूधिया कर देती है।
उत्तर 23-
प्रयोग I में साबुन की झाग की काफी अधिक मात्रा बनेगी।
प्रयोग II में साबुन की झाग काफी कम मात्रा में बनेगी क्योंकि उसमें Ca2+ आयन होने के कारण वह जल कठोर हो जाएगा। कठोर जल में साबुन झाग नहीं बनाता है, परंतु सफेद अघुलनशील झाग बनाता है।
उत्तर 24-
यह विधि अलैंगिक प्रजनन की मुकुलन विधि के नाम से जानी जाती है।
उत्तर 25-
दो सावधानियाँ :
(i) उपकरण पूरी तरह से वायुरुद्ध होना चाहिए ताकि उत्पादित CO2 गैस उसमें से बाहर न निकल पाए।
(ii) फ्लास्क में अंकुरित होते हुए (जीवित) बीज लिए जाएं।
उत्तर 26-
ग्राफ से हम V तथा I के मानों को ले सकते हैं :
V = (6.7 – 3.4) = 3.3 वोल्ट
I = (2.0 – 1.0) = 1.0 A
R = = = 3.3Ω
प्रतिरोध = 3.3 Ω
अथवा
ऐमीटर में 10 भागों के बीच 0 से 0.5 A का मान है।
1 भाग का मान = = 0.05A
ऐमीटर की सुई 17 वें भाग के निशाने पर पाई जाती है।
विद्युत धारा की मात्रा = 0.05 x 17 = 0.85A
उत्तर 27-
काँच के त्रिभुज प्रिज्म से प्रकाश का अपवर्तन :
PE – आपतित किरण
EF – अपवर्तित किरण
FS – निर्गत किरण
∠A – प्रिज्म कोण
∠i – आपतन कोण
∠r – अपवर्तन कोण
∠e – निर्गत कोण
∠D – विचलन कोण
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