CBSE Sample Papers for Class 10 Social Science in Hindi Medium Paper 3 are part of CBSE Sample Papers for Class 10 Social Science in Hindi Medium. Here we have given CBSE Sample Papers for Class 10 Social Science in Hindi Medium Paper 3.
CBSE Sample Papers for Class 10 Social Science in Hindi Medium Paper 3
Board | CBSE |
Class | 10 |
Subject | Social Science |
Sample Paper Set | Paper 3 |
Category | CBSE Sample Papers |
Students who are going to appear for CBSE Class 10 Examinations are advised to practice the CBSE sample papers given here which is designed as per the latest Syllabus and marking scheme as prescribed by the CBSE is given here. Paper 3 of Solved CBSE Sample Papers for Class 10 Social Science in Hindi Medium is given below with free PDF download Answers.
समय : 3 घण्टे
पूर्णांक : 80
सामान्य निर्देश:
- इस प्रश्न-पत्र में कुल 26 प्रश्न हैं। सभी प्रश्न अनिवार्य हैं।
- प्रत्येक प्रश्न के अंक उसके सामने दिए गए हैं।
- प्रश्न संख्या 1 से 7 अति लघु-उत्तरीय प्रश्न हैं। प्रत्येक प्रश्न 1 अंक का है।
- प्रश्न संख्या 8 से 18 तक प्रत्येक प्रश्न 3 अंक का है। इनमें से प्रत्येक प्रश्न का उत्तर 80 शब्दों से अधिक का नहीं होना चाहिए।
- प्रश्न संख्या 19 से 25 तक प्रत्येक प्रश्न 5 अंक का है। इनमें से प्रत्येक प्रश्न का उत्तर 100 शब्दों से अधिक का नहीं होना चाहिए।
- प्रश्न संख्या 26 मानचित्र से सम्बंधित है। इसके दो भाग हैं 26(A) और 26(B) / 26(A) 2 अंक का इतिहास से तथा 26(B) 3 अंक का भूगोल से है। मानचित्र का प्रश्न पूर्ण होने पर उसे अपनी उत्तर-पुस्तिका के साथ नत्थी करें।
- पूर्ण प्रश्न-पत्र में विकल्प नहीं हैं। फिर भी कई प्रश्नों में आंतरिक विकल्प हैं। ऐसे सभी प्रश्नों में से प्रत्येक से आपको एक ही विकल्प हल करना है।
प्र० 1.
1448 ई० में गुटेनबर्ग ने कौन-सी पहली पुस्तक छापी थी? 1
अथवा
निजी पत्रों के समूह के रूप में पाए जाने वाले उपन्यास किस नाम से जाने जाते थे?
प्र० 2.
भारत को ‘प्राकृतिक खुला और सुचारू’ रक्षित पोताश्रये ( बंदरगाह ) कौन-सा है? 1
प्र० 3.
‘एकदलीय शासन व्यवस्था किसे कहते हैं? 1
प्र० 4.
‘नारीवादी’ शब्द की परिभाषा दीजिए। 1
प्र० 5.
भारत के ग्रामीण क्षेत्र में ऋण प्रदान करने का मुख्य अनौपचारिक स्रोत कौन-सा है? 1
प्र० 6.
आई०एस०आई० चिह्न कहाँ देखा जा सकता है? 1
प्र० 7.
प्रति व्यक्ति आय को परिभाषित कीजिए। 1
प्र० 8.
G-77 देशों से आप क्या समझते हैं? G-77 को किस आधार पर ब्रेटन वुड्स की जुड़वाँ संतानों की प्रतिक्रिया कहा जा सकता है? व्याख्या कीजिए। 3
अथवा
औद्योगिक क्रान्ति से पूर्व यूरोप के नए व्यापारियों को नगरों में औद्योगिक इकाइयाँ स्थापित करने में आई किन्हीं तीन प्रमुख समस्याओं को स्पष्ट कीजिए। 3
अथवा
19वीं शताब्दी में लन्दन शहर की आबादी के निरन्तर बढ़ने के किन्हीं तीन कारणों को स्पष्ट कीजिए। 3
प्र० 9.
महात्मा गाँधी ने असहयोग आंदोलन क्यों वापस लिया? आंदोलन वापस लेने के प्रति कांग्रेस के नेताओं की क्या प्रतिक्रिया थी? 3
प्र० 10.
19वीं सदी के मध्य तक भारतीय परिवारों ने नारी शिक्षा को बढ़ावा नहीं दिया, इन परिवारों की शंकाएँ क्या थीं? उन परिवारों पर भी प्रकाश डालिए जिन्होंने नारी शिक्षा को बढ़ावा दिया। 3
अथवा
भारतीय उपन्यासकारों ने अपने उपन्यासों में भारतीय व विदेशी जीवनशैली में किस प्रकार तालमेल स्थापित करने का प्रयास किया? स्पष्ट कीजिए। 3
प्र० 11.
भारत में लोगों द्वारा रॉलट एक्ट का किस प्रकार विरोध किया गया? उदाहरणों सहित स्पष्ट कीजिए। 3
प्र० 12.
धात्विक और अधात्विक खनिजों में उदाहरणों सहित अन्तर स्पष्ट कीजिए। 3
प्र० 13.
“भारत में जल की उपलब्धता प्रचुर मात्रा में होते हुए भी देश के बहुत बड़े भागों में जल की कमी अनुभव की जाती है।” तीन उदाहरण देकरे स्पष्ट कीजिए। 3
प्र० 14.
उस राष्ट्रीय राजनीतिक दल का नाम बताइए, जो भारत की प्राचीन संस्कृति और मूल्यों से प्रेरणा लेता है। उस दल की किन्हीं तीन विशेषताओं का उल्लेख कीजिए। (1 + 2 = 3)
प्र० 15.
“विधिक-संवैधानिक बदलावों को लाने मात्र से ही लोकतंत्र की चुनौतियों का हल नहीं किया जा सकता।” उदाहरण सहित इस कथन की न्यायसंगत पुष्टि कीजिए। 3
प्र० 16.
श्रीलंका में लोकतांत्रिक ढंग से निर्वाचित सरकार ने बहुसंख्यकों की स्थापना कैसे की? 3
प्र० 17.
वैश्वीकरण को संभव बनाने वाले प्रमुख दो कारकों की विवेचना कीजिए। 3
प्र० 18.
सेवा क्षेत्र या तृतीय क्षेत्र का अर्थ बताइए तथा इसके महत्व की व्याख्या कीजिए। 3
प्र० 19.
यूरोप में ‘राष्ट्र’ के विचार के निर्माण में संस्कृति ने किस प्रकार महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाई? उदाहरण सहित स्पष्ट कीजिए। 5
अथवा
वियतनामी राष्ट्रवादी, लोकतांत्रिक गणराज्य की स्थापना के लिए, जापान और चीन से किस प्रकार प्रभावित थे? उदाहरण सहित स्पष्ट कीजिए। 5
प्र० 20.
कई नदी घाटी परियोजनाओं को बहुउद्देशीय परियोजनाएँ क्यों कहते हैं? बहुउद्देशीय परियोजना द्वारा पूरित किन्हीं चार उद्देश्यों की व्याख्या कीजिए। 5
प्र० 21.
लोहा और इस्पात उद्योग केवल प्रायद्वीपीय भारत में ही क्यों स्थित है? 5
प्र० 22.
संघीय तथा एकात्मक शासन-प्रणालियों का अर्थ समझाते हुए उनके बीच प्रमुख अंतर सहित उदाहरण को स्पष्ट कीजिए। 5
प्र० 23.
“लोकतांत्रिक शासन व्यवस्थाएँ शान्ति और सद्भाव का जीवन जीने में नागरिकों के लिए मददगार साबित होती हैं।” इस कथन की उपयुक्त उदाहरणों सहित पुष्टि कीजिए। 5
प्र० 24.
उपभोक्ता निवारण प्रक्रिया जटिल, खर्चीली और समय साध्य किस प्रकार सिद्ध हो रही है? स्पष्ट कीजिए। 5
प्र० 25.
मुद्रा आवश्यकताओं के दोहरे संयोग की समस्या को किस तरह सुलझाती है? अपनी ओर से उदाहरण देकर समझाइए। 5
प्र० 26.
(A) भारत के दिए गए राजनीतिक रेखा-मानचित्र पर-
पहचानिए : (a) से अंकित किया गया एक स्थान, जहाँ दिसम्बर 1920 में भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस का अधिवेशन हुआ।
पता लगाकर चिन्हित कीजिए : (b) वह स्थान, जहाँ 22 पुलिसवालों को हिंसक भीड़ द्वारा जला दिया गया और इस कारण गाँधीजी ने असहयोग आंदालने को वापिस ले लिया था।
(B) भारत के दिए गए राजनीतिक रेखा-मानचित्र पर-
पहचानिए :
(c) से अंकित किया गया एक आणविक ऊर्जा संयंत्र
(d) से अंकित किया गया एक प्रमुख समुद्री पत्तन
पता लगाकर चिन्हित कीजिए :
(i) भद्रावती : लोहा और इस्पात संयंत्र
नोटः निम्नलिखित प्रश्न केवल दृष्टिबाधित परीक्षार्थियों के लिए प्रश्न संख्या 26 के स्थान पर हैं : (5 x 1 = 5)
(a) उस स्थान का नाम लिखिए जहाँ दिसम्बर 1920 में भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस का अधिवेशन हुआ।
(b) उस स्थान का नाम लिखिए जहाँ 22 पुलिसवालों को हिंसक भीड़ द्वारा जला दिया गया और इस कारण गाँधीजी ने असहयोग आंदोलन को वापिस ले लिया था।
(c) उत्तर प्रदेश में स्थित एक आणविक ऊर्जा संयंत्र का नाम लिखिए।
(d) छत्तीसगढ़ में स्थित लोहा और इस्पात संयंत्र का नाम लिखिए।
(e) भारत के पूर्वी तट पर स्थित दक्षिणतम समुद्री पत्तन कौन-सा है?
Answers
उत्तर 1.
बाइबिल।
अथवा
पेत्रात्मक उपन्यास।
उत्तर 2.
मुंबई (महाराष्ट्र)।
उत्तर 3.
यदि देश में केवल एक ही राजनैतिक दल को राजनीति में भाग लेने का अधिकार होता है, उसे एकदलीय शासन व्यवस्था कहते हैं।
उत्तर 4.
महिलाओं और पुरूषों के समान अधिकारों और अवसरों में विश्वास रखने वाली महिला या पुरूष को ‘नारीवादी’ कहते हैं।
उत्तर 5.
साहूकार तथा जमींदार।
उत्तर 6.
बिजली के सामानों पर।
उत्तर 7.
प्रति व्यक्ति आय का अर्थ है-औसत प्रति व्यक्ति आय। प्रति व्यक्ति आय से तात्पर्य किसी देश में एक लेखा वर्ष में समस्त लोगों की औसत आय से है।
उत्तर 8.
अधिकतर विकासशील देशों को ब्रेटन वुड्स व्यवस्था से कोई लाभ नहीं हुआ। इसका लाभ मात्र पश्चिमी अर्थव्यवस्थाओं को ही हुआ था। इस समस्या को देखते हुए विकासशील देशों ने एक नयी अंतर्राष्ट्रीय आर्थिक प्रणाली के लिए आवाज उठाई और समूह-77 (G-77) के रूप में संगठित हो गए। G-77 से आशय एक ऐसी व्यवस्था से था जिसमें उन्हें अपने संसाधनों पर सही मायनों में नियंत्रण मिल सके, उन्हें विकास के लिए अधिक सहायता मिले, कच्चे माल के सही दाम मिलें और अपने तैयार मालों को विकसित देशों के बाजारों में बेचने के लिए बेहतर पहुँच मिले। उपरोक्त माँगों के कारण इसे ब्रेटन वुड्स की जुड़वाँ संतानों की प्रतिक्रिया भी कहा जाता है।
अथवा
औद्योगिक क्रांति से पूर्व यूरोप के नए व्यापारियों को व्यापार करने में निम्नलिखित समस्याएँ आईं :
- शहरों में शहरी दस्तकारी और व्यापारिक गिल्ड्स काफी ताकतवर थे। ये गिल्ड्स उत्पादकों के संगठन होते थे। ये गिल्ड्स उत्पादकों पर नियंत्रण रखते थे तथा प्रतिस्पर्धा और मूल्य तय करते थे।
- शहरी गिल्ड्स काफी ताकतवर थे जो अपने विरुद्ध प्रतिस्पर्धा नहीं चाहते थे जिस कारण वह नए व्यापरियों को व्यापार में प्रवेश से रोकते थे।
- शासकों ने भी विभिन्न गिल्ड्स को खास उत्पादों के उत्पादन और व्यापार का एकाधिकार दिया हुआ था। फलस्वरूप नए व्यापारी शहरों में व्यापार नहीं कर सकते थे।
अथवा
19वीं शताब्दी में लन्दन शहर की आबादी के निरन्तर बढ़ने के निम्न कारण थे :
- 18वीं व 19वीं शताब्दी के मध्य लंदन अंतर्राष्ट्रीय व्यापार व वाणिज्य का केन्द्र बन गया था जिसने व्यापारियों व अन्य लोगों को अपनी ओर खींचा।
- लोग काम की तलाश में लंदन आने लगे। इन लोगों को आसानी से रोजगार मिल जाता था।
- लंदन क्लर्को, दुकानदारों, छोटे पेशेवरों और निपुण कारीगरों का शहर बन गया था।
इस प्रकार 19वीं सदी में लंदन की आबादी तेज़ी से बढ़ने लगी।
उत्तर 9.
असहयोग आंदोलन के हिंसक हो जाने के कारण महात्मा गाँधी ने इसे वापस लेने का निर्णय लिया। कांग्रेस के कुछ नेता इस प्रकार के जनसंघर्षों से थक चुके थे तथा वे 1919 के गवर्नमेंट ऑफ इंडिया एक्ट के अनुसार गठित प्रांतीय परिषदों के चुनाव में भाग लेना चाहते थे। उनको लगता था कि परिषदों में रहते हुए ब्रिटिश नीतियों का विरोध करना अधिक प्रभावकारी होगा। जवाहर लाल नेहरू और सुभाषचंद्र बोस जैसे युवा नेता तीव्र उग्र जनांदोलन तथा पूर्ण स्वतंत्रता के लिए दबाव बनाए हुए थे।
उत्तर 10.
मुद्रण के प्रचलन से शिक्षा के नये आयाम खुलने लगे। उनमें पाठ्यक्रम भी छपता था और जरूरत के मुताबिक पाठ्य-सामग्री भी, जिसका इस्तेमाल घर बैठे स्कूली शिक्षा के लिए किया जा सकता था। लेकिन सारे परिवार उदार-दिल नहीं थे। अनेक परंपरावादी हिंदू मानते थे कि पढ़ी-लिखी कन्याएँ विधवा हो जाती हैं और इसी तरह दकियानूसी मुसलमानों को लगता था कि पढ़ने के बाद उनकी औरतें बिगड़ जाएँगी।। दूसरी ओर ऐसे परिवार भी थे जिन्होंने नारी शिक्षा को बढ़ावा दिया। उदारवादी पिता और पति अपने परिवार की औरतों को घर पर स्वयं ही पढ़ाने लगे। उन्नीसवीं सदी के मध्य में जब लड़कियों के लिए स्कूल बने तो वे उन्हें स्कूल भेजने लगे। कई पत्र-पत्रिकाओं ने लेखिकाओं के लेखनों को अपने पत्र-पत्रिका में विशेष स्थान दिया। इस प्रकार पत्र-पत्रिकाओं ने स्त्रियों की भावनाओं को अभिव्यक्ति प्रदान की। पुस्तकों ने नारी-शिक्षा की आवश्यकता को बढ़ावा देने में अपना अतुलनीय योगदान दिया।
अथवा
भारतीय उपन्यास भारतीय संस्कृति और पश्चिमी संस्कृति से अति प्रभावित थे। विभिन्न उपन्यासकारों ने अपने उपन्यासों का आधार पूर्व व पश्चिम की संस्कृति को बनाया। उदाहरणस्वरूप, चंदू मेनन द्वारा रचित ‘इंदुलेखा’ उपन्यास की नायिका संस्कृत व अंग्रेज़ी की विद्वान है। वहीं दूसरी ओर इस उपन्यास का नायक नायर वर्ग को है जो अंग्रेज़ी शिक्षा प्राप्त होने के साथ-साथ उच्च कोटि का संस्कृत विद्वान भी है। यह पश्चिमी पोशाक के साथ नायर रीति के अनुसार लंबी चुटिया भी रखता है। इस प्रकार नायक-नायिकाओं ने पश्चिमी मूल्यों के साथ-साथ अपनी पारंपरिक जीवनशैली को भी अपनाकर दोनों में तालमेल स्थापित किया है।
उत्तर 11.
1919 में आए रॉलट एक्ट को भारतीय सदस्यों के भारी विरोध के बावजूद इम्पीरियल लेजिस्लेटिव काउंसिल ने बहुत जल्दबाजी में पारित कर दिया था। इस कानून के द्वारा सरकार को राजनीतिक गतिविधियों को कुचलने तथा राजनीतिक कैदियों को दो साल तक बिना मुकद्दमा चलाए जेल में बंद रखने का अधिकार मिल गया था। गांधीजी ने इसे एक अन्यायपूर्ण कानून बताया और उसके खिलाफ़ अहिंसक ढंग से नागरिक अवज्ञा आंदोलन आरंभ किया। विभिन्न शहरों में रैली व जुलूसों का आयोजन किया गया। रेलवे वर्कशॉप्स में कामगार हड़ताल पर चले गए। बाजार बंद हो गए। इसे व्यापक जन-आंदोलन से भयभीत होकर अंग्रेजी सरकार ने राष्ट्रवादियों तथा शांत आंदोलनकारियों का दमन शुरू कर दिया। अमृतसर में बहुत सारे स्थानीय नेताओं को हिरासत में ले लिया गया। गांधीजी के दिल्ली प्रवेश पर भी पाबंदी लगा दी गई। इसी दौरान पुलिस ने एक शांतिपूर्ण जुलूस पर गोली चला दी परिणामस्वरूप लोग बैंकों, डाकघरों तथा रेलवे स्टेशनों पर हमले करने लगे। स्थिति को नियंत्रित करने के लिए मार्शल लॉ लागू कर दिया गया।
उत्तर 12.
धात्विक और अधात्विक खनिजों के मध्य अंतर निम्न प्रकार हैं:
उत्तर 13.
भारत में जल के विशाल भंडार और इसके नवीकरण योग्य गुणों के होते हुए भी देश के बहुत-से भागों में जल की कमी अनुभव की जाती है, जिसे निम्न उदाहरणों द्वारा स्पष्ट किया जा सकता है:
- भारत के पूर्वोत्तर राज्यों, जैसे असम, मेघालय, मिज़ोरम इत्यादि, में मानसून के कारण अधिकांश वर्षा होती है, परन्तु वर्षा का पानी पानी चट्टानों और पहाड़ों से बहकर समुद्र में चला जाता है और ये क्षेत्र वर्षा होने के बाद भी सूखे रह जाते हैं।
- राजस्थान जैसे कम वर्षा वाले क्षेत्रों में वर्षा न्यूनतम होती है परंतु वर्षा जल के अपर्याप्त प्रबंधन से यह क्षेत्र भी सूखा रह जाता है।
- देश में वर्षा जल का समुचित प्रबंधन न होने के कारण वर्षा का जल नदी-नालों में तेज़ी से बहकर समुद्र में चला जाता है जिससे अच्छी वर्षा होने के बाद भी लगभग नौ महीने देश के लिए पानी की कमी के होते हैं।
- बढ़ती जनसंख्या, कृषि आधुनिकीकरण, नगरीकरण और औद्योगीकरण से भारत की नदियाँ अत्यधिक प्रदूषित होती जा रही हैं जिसके कारण स्वच्छ जल की दुर्लभता बढ़ती जा रही है। (कोई तीन)
उत्तर 14.
भारतीय जनता पार्टी भारत की प्राचीन संस्कृति और मूल्यों से प्रेरणा लेती है।
भारतीय जनता पार्टी की मुख्य विशेषताएँ :
- भारतीय जनता पार्टी भारतीय राष्ट्रवाद और राजनीति में सांस्कृतिक राष्ट्रवाद को सम्मिलित करती है।
- पार्टी जम्मू और कश्मीर को विशेष दर्जा देने के विरुद्ध है।
- यह देश में रहने वाले सभी धर्म के लोगों के लिए समान नागरिक आचार संहिता बनाने के पक्ष में है।
- यह धर्मांतरण पर रोक लगाने के पक्ष में है। (कोई तीन)
उत्तर 15.
कानून बना कर राजनीति को सुधारने की बात सोचना बहुत लुभावना लग सकता है। नए कानून सारी अवांछित चीजें खत्म कर देंगे यह सोच भले ही सुखद हो लेकिन इस लालच पर अंकुश लगाना ही बेहतर होगा। निश्चित तौर पर सुधारों के मामले में कानून की एक महत्त्वपूर्ण भूमिका होती है। सावधानी से बनाए गए कानून राजनीतिक दलों के गलत आचरणों को हतोत्साहित और अच्छे काम-काज को प्रोत्साहित करते हैं। परंतु केवल विधिक-संवैधानिक बदलावों को ला देने भर से ही लोकतंत्र की चुनौतियों को हल नहीं किया जा सकता। राजनीतिक सुधारों का काम मुख्यतः राजनीतिक कार्यकर्ताओं, दलों, आंदोलनों और राजनीतिक रूप से सचेत नागरिकों द्वारा ही हो सकता है। कानूनी परिवर्तन करते हुए इस बात पर गंभीरता से विचार करना होगा कि राजनीति पर इसकी क्या प्रभाव पड़ेगा क्योंकि कई बार परिणाम उलटे ही निकलते हैं।
उदाहरण : कई राज्यों ने दो से अधिक बच्चों वाले लोगों के पंचायती चुनाव लड़ने पर रोग लगा दी है। इसके चलते अनेक योग्य गरीब लोग और महिलाएँ अपने इस लोकतांत्रिक अधिकार से वंचित रह गए जबकि ऐसा
करने के पीछे कोई और ही भावना निहित थी।
उत्तर 16.
- श्रीलंका सन् 1948 में एक स्वतंत्र राज्य के रूप में सामने आया। बहुसंख्यक सिंहली समुदाय के लोगों ने अपने अधिक संख्या में होने का लाभ उठाकर शासन पर अपना प्रभुत्व स्थापित कर लिया तथा अल्पसंख्यक तमिलों की उपेक्षा आरंभ कर दी।
- सन् 1956 में एक कानून बनाकर सिंहली को एकमात्र राजभाषा घोषित कर दिया गया।
- विश्वविद्यालयों और सरकारी नौकरियों में भी सिंहलियों को प्राथमिकता देने की नीति अपनाई गई।
- संविधान में यह व्यवस्था की गई है कि सरकार केवल बौद्ध धर्म को सरंक्षण और बढ़ावा देने की नीति अपनाएगी।
इस सभी प्रयासों द्वारा सिंहलियों ने श्रीलंका में अपना वर्चस्व स्थापित किया।
उत्तर 17.
- प्रौद्योगिकी में तीव्र उन्नति- यह वह मुख्य कारक है जिसने वैश्वीकरण की प्रक्रिया को बढ़ाया दिया है। जैसे-परिवहन प्रौद्योगिकी में उन्नति से लम्बी दूरियों तक वस्तुओं की तीव्रतर आपूर्ति को कम लागत पर संभव किया गया है।
- सूचना एवं संचार प्रौद्योगिकी का विकास- वर्तमान समय में दूरसंचार, कंप्यूटर और इंटरनेट के क्षेत्र में प्रौद्योगिकी तीव्र गति से बदल रही है। दूरसंचार सुविधाओं को विश्व भर में एक-दूसरे से सम्पर्क करने, सूचनाओं को तत्काल प्राप्त करने और दूरवर्ती क्षेत्रों से संवाद करने में प्रयोग किया जाता है। ये सुविधाएँ संचार उपग्रहों द्वारा सुगम हुई हैं। इंटरनेट से हम तत्काल इलेक्ट्रॉनिक डाक (ई-मेल) भेज सकते हैं और अत्यन्त कम मूल्य पर विश्व-भर में बात (वॉयस-मेल) कर सकते हैं।
उत्तर 18.
सेवा क्षेत्र या तृतीय क्षेत्र का अर्थ- इस क्षेत्रक में वे गतिविधियाँ आती हैं जो वस्तुओं के स्थान पर सेवाओं का सृजन करती हैं। इसलिए तृतीयक क्षेत्र को सेवा क्षेत्र भी कहा जाता हैं।
सेवा क्षेत्र का महत्त्व :
- ग्राहकों को शीघ्र एवं मितव्ययी सेवाएँ प्रदान करना- सेवा क्षेत्र द्वारा वस्तुओं तथा सेवाओं की शीघ्र एवं कम मूल्य पर पूर्ति से लागत में कमी होती है, जिससे उपभोक्ताओं को लाभ होता है।
- किसी भी देश में अनेक सेवाओं, जैसे-अस्पताल, शैक्षिक संस्थाएँ, डाक एवं तार सेवा, थाना, कचहरी, नगर-निगम, रक्षा, परिवहन, बैंक इत्यादि की आवश्यकता होती है जिन्हें तृतीयक क्षेत्रक पूरा करता है।
- कृषि एवं उद्योग के विकास के परिवहन, व्यापार, भण्डारण जैसी सेवाओं का विकास होता है। प्राथमिक और द्वितीयक क्षेत्रक के विकास में तृतीयक क्षेत्रक पूरा सहयोग देता है।
- सेवा क्षेत्र की सेवाओं से समय एवं स्थान की बाधाएँ दूर हो जाती हैं।
उत्तर 19.
- संस्कृति – जर्मन दार्शनिक योहाना ने दावा किया कि जर्मन संस्कृति उसके आम लोगों में थी। उसने लोकसंगीत, लोककाव्य और लोकनृत्यों के माध्यम से जर्मन राष्ट्र की भावना को बढ़ावा दिया।
- भाषा – पोलैंड में राष्ट्रवाद के विकास में भाषा ने एक महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाई। पोलैंड के रूस के कब्जे वाले हिस्सों में पोलिश भाषा प्रतिबंधित थी। जब पादरियों ने रूसी बोलने से मना किया तो उन्हें सज़ा दी गई। इस प्रकार पोलिश भाषा रूसी प्रभुत्व के विरुद्ध संघर्ष के प्रतीक के रूप में देखी जाने लगी।
- संगीत – कैरोल, एक पोलिश संगीतकार ने ऑपेरा और संगीत के माध्यम से राष्ट्रीय संघर्ष में योगदान दिया।
- नृत्य – पोलेनेस और माजुरका जैसे लोकनृत्यों को राष्ट्रीयता की प्रतीक माना गया।
- लोक-कथाएँ – ग्रिम बंधुओं ने जर्मनी में घूम-घूमकर लोक-कथाओं को एकत्र कर उन्हें प्रकाशित किया और लोगों को जर्मन राष्ट्रवाद से परिचित कराया।
अथवा
प्रारंभिक वियतनामी राष्ट्रवादियों के जापान और चीन के साथ काफी घनिष्ठ संबंध थे। जापान और चीन न केवल बदलाव का प्रतीक थे बल्कि फ्रांसीसी पुलिस से बच निकलने वालों के लिए शरणस्थली भी थे। इन देशों में एशियाई क्रांतिकारियों के नेटवर्क बने हुए थे। वियतनामी छात्र 1907 में रूस पर जापान की विजय से अति प्रभावित थे और वे भी वियतनाम को फ्रांसीसियों के चंगुल से मुक्त कराने के लिए कृतसंकल्प हो चुके थे। चीन के घटनाक्रम ने भी वियतनामी राष्ट्रवादियों के हौसले बढ़ा दिए थे। सुन यात-सेन के नेतृत्व में चले आंदोलन ने 1911 में चीनी राजवंश की सत्ता को समाप्त कर दिया था। इन घटनाओं से प्रेरणा लेते हुए वियतनामी राष्ट्रवादियों ने वियतनाम से फ्रांसीसी शासन को समाप्त कर लोकतांत्रिक गणराज्य की स्थापना की।
उत्तर 20.
भारत के कृषि तथा उद्योगों के विकास के लिए केंद्रीय तथा राज्य सरकारों ने बाढ़ नियंत्रण, सिंचाई की सुविधाओं का विस्तार तथा जल-विद्युत के विकास के लिए कई नदी घाटी योजनाएँ बनाईं। इनसे एक ही साथ कई उद्देश्यों की पूर्ति की विस्तृत योजनाओं का प्रारूप तैयार किया गया। अतः इन्हें बहुउद्देशीय परियोजना कहा गया। भारत के प्रथम प्रधानमंत्री पंडित जवाहरलाल नेहरू ने बहुउद्देशीय परियोजनाओं को ‘आधुनिक भारत के मंदिर तथा तीर्थस्थल’ कहा है क्योंकि इनसे एक साथ अनेक उद्देश्यों की पूर्ति होती है।
बहुउद्देशीय परियोजनाओं के द्वारा पूरित उद्देश्य :
- बाढ़ नियंत्रण और मृदा संरक्षण – नदी घाटी परियोजनाओं से पहले वर्षा काल में बाढों का आना एक सामान्य बात थी जिससे अपार जन-धन की हानि होती थी। अनमोल मृदा बह जाती थी। मृदा पर ही कृषि विकास निर्भर करता है। इस ज्वलंत समस्या के निदान के लिए नदियों पर बाँध बनाकर, प्रवाह की तीव्रता को नियंत्रण कर नदी घाटियों ने मृदा संरक्षण करने में सफलता प्राप्त कर ली है।
- सिंचाई की सुविधाओं का विस्तार – नदियों पर बाँधों के पीछे बड़ी-बड़ी झीलों का निर्माण किया गया है। इनमें वर्षा का पानी एकत्र हो जाता है। शुष्क ऋतु में जब पानी की आवश्यकता होती है तब इस पानी का सदुपयोग नहरों द्वारा सिंचाई के लिए किया जाता है। सिंचाई सुविधाओं के विस्तार से कृषि क्षेत्र का विस्तार हुआ है और कृषि उत्पादकता कई गुना बढ़ गई है। एक खेत से वर्षा में दो-तीन फसलें ली जाने लगी हैं।
- औद्यागिक विकास – उद्योगों का विकास नियमित और सस्ती शक्ति पर निर्भर करता है। उद्योगों की इन योजनाओं से शक्ति की सुलभता के साथ पानी पर्याप्त मात्रा में सुलभ होता है।
- मत्स्य व्यवसाय का विकास – इन परियोजनाओं से मछली उत्पादन कर, आर्थिक लाभ होता है। बाँधों के पीछे बने जलाशयों में मछलियों के बीज तैयार किए जाते हैं तथा कई चुनी हुई प्रजातियों की मछलियों को पाला जाता है।
- सूखे और अकाल से मुक्ति – वर्षा की अनियमितता और अनिश्चितता बराबर बनी रहती है। अल्प वृष्टि से सूखा अति वृष्टि से फसलों का जलमग्न होना सामान्य बातें हैं। दोनों ही स्थितियों में अकाल पड़ता है। सूखाग्रस्त क्षेत्रों को जल भेजकर तथा बाढ़ग्रस्त क्षेत्र से अतिरिक्त जल के निकास की व्यवस्था कर, अकाल से बचाया जा सका है। (कोई चार)
उत्तर 21.
भारतीय प्रायद्वीप का उत्तर-पूर्वी भाग छोटा नागपुर का पठारी क्षेत्र है। उसका विस्तार बिहार, पश्चिम बंगाल, उड़ीसा तथा मध्य प्रदेश राज्यों में है। इस क्षेत्र में देश के पाँच बड़े इस्पात केंद्र स्थापित हैं। ये हैं-जमशेदपुर, बोकारो, कुल्टी, बर्नपुर, दुर्गापुर, राउरकेला।
लोहा-इस्पात उद्योग के इस क्षेत्र में केंद्रित होने के निम्नलिखित कारण हैं :
- कच्चे माल की उपलब्धता – लोहा इस्पात उद्योग के विकास के लिए पर्याप्त मात्रा में निकटवर्ती क्षेत्रों से कच्चा माल मिल जाता है।
- जलापूर्ति – इस उद्योग के लिए नियमित रूप से पर्याप्त जलापूर्ति की आवश्यकता होती है। दामोदर तथा दामोदर की सहायक नदियों से पर्याप्त मात्रा में पानी सुलभ है।
- शक्ति – कोयला तथा जल दोनों ही यहाँ शक्ति के साधन के रूप में सुलभ हैं।
- परिवहन – इस क्षेत्र में सड़क तथा रेलमार्गों का विस्तार कर दिया गया है। इनके विस्तार से न केवल खनन क्षेत्रों का विकास हुआ है अपितु औद्योगिक केंद्रों की स्थापना में भारी मदद मिली है।
- कुशल व सस्ते श्रमिक – यह सघन आबादी का क्षेत्र है। अतः यहाँ सस्ते परंतु अकुशल श्रमिक पर्याप्त संख्या में मिलते हैं। कुशल एवं प्रशिक्षित श्रमिक भी सुविधाओं के मिलने से यहाँ खिंचे चले आते हैं।
उत्तर 22.
केंद्रीय सरकार तथा राज्यों (प्रांतीय) की सरकारों के आपसी संबंधों के आधार पर, सरकारों को एकात्मक तथा संघात्मक में बाँटा जाता है। एकात्मक सरकार वह शासन-व्यवस्था होती है जिसमें सरकार की समस्त शक्तियाँ एक ही सरकार अर्थात् केंद्रीय सरकार के हाथों में केंद्रित होती हैं। इसके दूसरी ओर संघीय शासन-व्यवस्था वह शासन प्रणाली होती है जिसमें संविधान द्वारा शासन की शक्तियों का केंद्रीय सरकार तथा राज्यों की सरकारों के बीच विभाजन कर दिया जाता है और दोनों सरकारें अपने-अपने कार्यक्षेत्र में रहकर कार्य करती हैं। दोनों सरकारें अपने-अपने क्षेत्र में स्वतंत्र होती हैं। सयुंक्त राज्य अमेरिका तथा भारत में संघीय शासन-प्रणाली मौजूद है।
संघीय तथा एकात्मक शासन-प्रणालियों के बीच अंतर :
उत्तर 23.
लोकतंत्र द्वारा विभिन्न सामाजिक विविधताओं के बीच सामंजस्य स्थापित करने के लिए कई स्थितियों का होना अनिवार्य है। लोकतंत्र का सीधे-सीधे अर्थ केवल बहुमत की राय से शासन करना नहीं है। बहुमत को सदा ही अल्पमत का ध्यान रखना होता है। तभी, सरकार जन-सामान्य की इच्छा का प्रतिनिधित्व कर पाती है। बहुमत के शासन का अर्थ धर्म, नस्ल अथवा भाषायी आधार के बहुसंख्यक समूह का शासन नहीं होता। बहुमत के शासन का अर्थ होता है कि इसके प्रत्येक फैसले या चुनाव में अलग-अलग लोग और समूह बहुमत को निर्माण कर सकते हैं या बहुमत में हो सकते हैं। लोकतंत्र तभी तक लोकतंत्र रहता है जब तक प्रत्येक नागरिक को किसी न किसी अवसर पर बहुमत का हिस्सा बनने का अवसर मिलता है। लोकतांत्रिक शासन व्यवस्थाओं में बिना किसी भेदभाव के सभी नागरिकों को समान अधिकार प्राप्त होते हैं।
उत्तर 24.
उपभोक्ता निवारण प्रक्रिया जटिल, खर्चीली और समय-साध्य सिद्ध हो रही है। कई बार उपभोक्ताओं को वकीलों का सहारा भी लेना पड़ता है। ये मुकद्दमे अदालती कार्यवाहियों में शामिल होने तथा आगे बढ़ने में काफी समय लेते हैं। अधिकांश क्रेताओं को वस्तु क्रय करते समय रसीद नहीं दी जाती अथवा वे इस बात को गंभीरता से नहीं लेते कि कोई भी वस्तु क्रय करने के समय रसीद लेना अनिवार्य है। रसीद न होने की स्थिति में विक्रेता के विरुद्ध ठोस प्रमाण जुटाना सरल नहीं होता। इसके अतिरिक्त बाजार में अधिकांश खरीददारियाँ छोटी तथा फुटकर दुकानों से होती हैं। सबसे प्रमुख तथ्य यह है कि दोषपूर्ण उत्पादों से पीड़ित उपभोक्ताओं की क्षतिपूर्ति के मुद्दे पर मौजूदा कानून भी बहुत स्पष्ट तथा मुखर नहीं हैं।
उत्तर 25.
आवश्यकताओं का दोहरा संयोग विनिमय प्रणाली की एक अनिवार्य विशेषता है जहाँ मुद्रा का उपयोग किए बिना वस्तुओं का विनिमय होता है। अतः मुद्रा महत्त्वपूर्ण मध्यवर्ती भूमिका प्रदान करके आवश्यकताओं के दोहरे संयोग की जरूरत को खत्म कर देती है।
वस्तु-विनिमय प्रणाली में मुद्रा के दोहरे संयोग की समस्या उत्पन्न होती है जिसके अंतर्गत किसी एक वस्तु या सेवा के बदले किसी दूसरी वस्तु या सेवा का लेन-देन होता है। इस पद्धति में विनिमय की सार्वजनिक इकाई अर्थात् मुद्रा का उपयोग नहीं किया जाता परंतु वर्तमान में वस्तु का विनिमय ‘मुद्रा’ के आधार पर किया जाता है। अतः जिस व्यक्ति के पास मुद्रा है, वह इसका विनिमय किसी भी वस्तु या सेवा को खरीदने के लिए आसानी से कर सकता है।
उदाहरण : जूता निर्माता के लिए यह आवश्यक नहीं रह जाता कि वो ऐसे किसान को ढूंढे, जो न केवल उसके जूते खरीदे बल्कि साथ-साथ उसको गेहूँ भी बेचे। उसे केवल अपने जूतों के लिए खरीददार चाहिए। यदि वह जूते बेच कर मुद्रा अर्जित कर लेता है तो वह बाज़ार जा कर अपने लिए गेहूँ अथवा कोई भी आवश्यक वस्तु सरलता से खरीद सकता है।
उत्तर 26.
(a) नागपुर
(b) चौरी चौरा
(c) नरौरा
(d) भिलाई
(e) तूतीकोरिन
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